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JPS DABAS जी ने किसान दिवस पर किसानों को संबोधित किया

JPS DABAS जी ने किसान दिवस पर किसानों को संबोधित किया

किसान दिवस

किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में मनाया जाता है

भारत शुरू से ही कृषि प्रधान देश रहा है, जिसकी आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र पर आश्रित रहता है। इसी वजह से चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था, कि देश की समृद्धि का रास्ता गाँव के खेतों एवं खलियानों से होकर गुजरता है। किसान दिवस के मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली के प्रधान कृषि वैज्ञानिक
डॉ जे पी एस डबास (Dr. J.P.S. DABAS, SCIENTIST of Indian Agricultural Research Institute And the department of AGRICULTURAL EXTENSION, PRINCIPAL SCIENTIST at CATAT (Centre for Agricultural Technology Assessment and Transfer(CATAT), IARI, New Delhi-12) जी ने देशवाशियों व किसानों को संबोधित करते हुए कहा है :
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भारतवर्ष की सांस्कृतिक विरासत बहुत पुरानी वह धनी है तथा इसने पुरे विश्व को प्रभावित किया है। कृषि यहां के सांस्कृतिक विकास में अग्रणी भूमिका में रहीं हैं। कृषि को यहां प्राचीन काल से ही केवल व्यवसाय के रूप में नही देखकर एक जीवन पद्धति के रूप में मान्यता मिली है। लेकिन मध्यकाल से पिछली शताब्दी के मध्य तक विदेशी आक्रमणकारी द्वारा भारतीय संस्कृति को अत्यधिक नुकसान पहुंचा गया इससे कृषि वह किसान की हालत काफी प्रभावित हुई। देश विदेशों पर खाद्यान्न के लिए निर्भर हो गया था। किसान समाज को जाति, धर्म वह क्षेत्र के आधार पर बांट दिया गया। व्यापारी वर्ग वह उस समय के शासकों ने खुब आर्थिक रूप से ठगा। जिससे कृषि वह किसान की हालत जर्जर हो चुकी थी। देश की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में लगीं होने के बावजूद देशवासियों को विदेशों पर खाद्यान्न के लिए निर्भरता और किसानों की आर्थिक बदहाली स्वतंत्र भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती का सामना करने में वह किसानों को जागरूक वह एकजुट और प्रौत्साहित करने के साथ साथ सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने की जो भुमिका स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने निभाई वह अद्वितीय थी। उन्होंने कृषि वह किसान के महत्व के हर मुद्दे को बखुबी सरकार के सामने उठाने वह हल करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनको पुरे भारत का किसान अपना नेता मानते थे तथा उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते थे। स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के लिए किसानों, कृषि वह देश के हित सर्वोपरि थे। किसानों को समझाने के लिए वो कड़वी सच्चाई को प्रस्तुत करने में पिछे नहीं रहते थे और किसान भी उनके साथ दिल से जुड़े हुए थे। वो किसानों को जोर देकर कहते थे कि पहले तो किसानों को आपसी मतभेद भुलाकर अपने वह देश के आर्थिक विकास के लिए एक जुट होने की आवश्यकता है फिर उनको उत्पादन से अधिक विपणन वह बाजार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह आवश्यकता आज के परिपेक्ष में और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है तथा बहुसंख्यक किसान आज भी यही मार खा रहे हैं ।
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किसान भी उनकी एक आवाज सुनकर शान्ति पुर्ण वह अनुशासित ढंग से दिल्ली वोट क्लब पर उनकी आवाज में आवाज मिलाने के लिए पहुंच जाते थे। उनके वह किसानों के मध्य एक अजब गजब किस्म का संबंध था। इस संबंध और उनके महत्वपूर्ण कृषि, किसान वह ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए सरकार ने उनके जन्मदिन 23 दिसम्बर को किसान दिवस के तौर पर मनाना शुरू किया। इससे किसानों को उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है तथा किसान जाति, धर्म, क्षेत्र वह दलगत राजनीति से उपर उठकर काम करने की प्रेरणा लेते हैं। आज हम उनको सच्ची श्रद्धांजलि देते हैं तथा सभी देशवासियों को आवान करते हैं कि हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए और देश, समाज की निस्वार्थ सेवा करनी चाहिए। किसान वह कृषि के हित को सर्वोपरि रखते हुए आगे बढ़े।
Kisan diwas 2023: किसान दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस पर ही क्यों मनाया जाता है?

Kisan diwas 2023: किसान दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के जन्मदिवस पर ही क्यों मनाया जाता है?

भारत एक कृषि प्रधान देश माना जाता है। क्योंकि, यहां की आधी से ज्यादा जनसंख्या आज भी कृषि अथवा इससे संबंधित कार्यों पर आश्रित है। अब ऐसी स्थिति में आपके मन में विचार रहा होगा कि किस वजह से 23 दिसंबर के दिन ही किसान दिवस मनाया जाता है? आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि 23 दिसंबर को ही देश के पांचवें प्रधानमंत्री और दिग्गज किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है। उन्होंने अन्नदाताओं के हित में एवं खेती के लिए विभिन्न अहम कार्य किए हैं, जिन्हें इस दिन याद किया जाता है।

किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह जी का राजनैतिक सफर 

फरवरी 1937 में वह 34 वर्ष की आयु में छपरौली (बागपत) निर्वाचन क्षेत्र से संयुक्त प्रांत की विधान सभा के लिए चुने गए। चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि किसानों की दशा बदलेगी, तभी देश बढ़ेगा और इस दिशा में वे अपने जीवन भर निरंतर कार्य करते रहे। चौधरी चरण सिंह (23 दिसंबर 1902 - 29 मई 1987) वह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला।

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अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उनका कार्यकाल दोनों बार ज्यादा लंबा नहीं चला था। इसके बावजूद भी उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भूमि सुधार लागू करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए किसान वर्ग के हितों में बहुत सारे बड़े एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए थे। ऐसा कहा जाता है, कि चौधरी चरण सिंह ने स्वयं ही उत्तर प्रदेश जमींदारी और भूमि सुधार बिल का प्रारूप तैयार किया था।

चौधरी चरण सिंह जी द्वारा किसानों के लिए उठाए गए ऐतिहासिक कदम 

भारत में प्रत्येक वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि, इस दिन भारत अथक परिश्रम करने वाले अन्नदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करता है। भारत की अर्थव्यवस्था के अंदर उनका अहम योगदान रहा है। किसान दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कृषि वैज्ञानिकों के योगदान, किसानों की समस्याएं, कृषि क्षेत्र में नए प्रयोग, नई तकनीक, फसल पद्धति और खेती में सकारात्मक बदलाव जैसे विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा होती है। 1938 में उन्होंने विधानसभा में एक कृषि उपज बाजार विधेयक पेश किया जो दिल्ली के हिंदुस्तान टाइम्स के 31 मार्च 1938 के अंक में प्रकाशित हुआ था। इस विधेयक का उद्देश्य व्यापारियों की लोलुपता के खिलाफ किसानों के हितों की रक्षा करना था। किसानों के हित में अपना जीवन समर्पित करने की वजह से चौधरी चरण सिंह जी को किसान मसीहा की उपाधि मिली है। किसान दिवस के दिन पूरे देशभर में चौधरी चरण सिंह जी के किसान हित में किए गए प्रयासों को याद किया जाता है।  
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिलने पर परिजनों ने जताई खुशी

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिलने पर परिजनों ने जताई खुशी

भारत सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के परिवार ने सरकार को धन्यवाद कहा है और घोषणा को लेकर खुशी जाहिर की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (9 जनवरी, 2024) को भारत रत्न के लिए तीन और लोगों के नाम की घोषणा की है। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एम. एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार की इस घोषणा के बाद उनके घर वालों ने अपनी खुशी जाहिर की है और सरकार का आभार प्रकट किया है। 

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की बेटी वाणी राव ने कहा कि यह बहुत खुशी का पल है। उन्होंने कहा कि पहले ही ऐसा होना था, लेकिन कहते हैं न कि भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं है। वानी राव ने आगे कहा, 'बहुत खुशी का दिन है पूरा तेलंगाना खुश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को मैं धन्यवाद देती हूं। उनकी अच्छी बात है कि कोई कितना कोने में रहता हो, उसको लाइम लाइट में लाना, सम्मान करना वो मोदी जी का बड़प्पन है।'

नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिलने पर परिवार की भावनात्मक प्रतिक्रिया 

बीजेपी नेता और पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया है, जबकि वह कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा, 'मैं 2004 से 2014 तक सत्ता में रहे यूपीए सरकार और खासतौर से गांधी परिवार की निंदा करता हूं कि किसी अवॉर्ड से सम्मानित नहीं किया।' उन्होंने कहा कि वह नरसिम्हा राव को भारत रत्न सम्मान दिए जाने पर काफी खुश हैं और भावुक भी हैं। एनवी सुभाष ने कहा कि हमें लगता था कि इसमें देरी होगी, लेकिन तेलंगाना बीजेपी के प्रयास से ऐसा हो रहा है। उन्होंने तेलंगाना बीजेपी को भी धन्यवाद कहा है।

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चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने भी जताई खुशी

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने भी घोषणा को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके अपनी खुशी जाहिर की है। जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, 'दिल जीत लिया!' भारत सरकार ने इस साल भारत रत्न के लिए पांच लोगों के नाम की घोषणा की है। 

3 फरवरी को पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया था। उससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को 24 जनवरी को उनकी 100वीं जयंती पर मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी को एक्स पर नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।